बिल का सारांश

अप्रवासी भारतीय विवाह पंजीकरण बिल, 2019

  • विदेशी मामलों की मंत्री सुषमा स्वराज ने 11 फरवरी 2019 को राज्यसभा में अप्रवासी भारतीय विवाह पंजीकरण बिल, 2019 पेश किया। बिल अप्रवासी भारतीयों (एनआरआईज़) के विवाह के पंजीकरण का प्रावधान करता है। इसके अतिरिक्त बिल पासपोर्ट एक्ट, 1967 और दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 में संशोधन करता है।
     
  • विवाह का पंजीकरण: बिल के अनुसार किसी भारतीय नागरिक से भारत में विवाह करने वाले प्रत्येक एनआरआई को विवाह की तारीख से तीस दिनों के भीतर अपने विवाह का पंजीकरण कराना होगा। इसके अतिरिक्त प्रत्येक एनआरआई जोकि किसी भारतीय नागरिक, या दूसरे एनआरआई के साथ भारत के बाहर विवाह करता है, उसे विवाह के तीस दिनों के भीतर विवाह अधिकारी से अपने विवाह को पंजीकृत कराना होगा। विदेश में राजनयिक अधिकारियों में से एक अधिकारी, विवाह अधिकारी चुना जाता है।
     
  • पासपोर्ट जब्त: अगर भारतीय नागरिक या दूसरे एनआरआई से विवाह करने वाला एनआरआई तीस दिनों के भीतर विवाह को पंजीकृत नहीं कराता तो पासपोर्ट अथॉरिटी उसके पासपोर्ट को जब्त कर सकती है या उसे रद्द कर सकती है।
     
  • सम्मन और वारंट जारी करना: बिल में प्रावधान है कि जिन मामलों में अदालत सम्मन नहीं दे सकती, वहां वह विदेश मंत्रालय द्वारा निर्दिष्ट विशिष्ट वेबसाइट पर अपलोड करके सम्मन जारी कर सकती है। जिस व्यक्ति के खिलाफ सम्मन जारी किया गया है, अगर वह अदालत के सामने हाजिर नहीं होता, तो अदालत निर्दिष्ट वेबसाइट पर अपलोड करके उसके खिलाफ वारंट जारी कर सकती है।
     
  • इसके अतिरिक्त अगर वारंट जारी होने के बाद कोई व्यक्ति अदालत के सामने हाजिर नहीं होता तो अदालत उसे अपराधी घोषित कर सकती है और तत्काल प्रभाव से वेबसाइट पर अपलोड करके इस संबंध में घोषणा कर सकती है। वेबसाइट पर घोषणा के बाद अगर आरोपी हाजिर नहीं होता तो अदालत लिखित वक्तव्य जारी कर सकती है कि ऐसी घोषणा अपलोड की गई है। यह वक्तव्य इस बात का निश्चित प्रमाण होगा कि वारंट जारी कर दिया गया है।

 

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