स्टैंडिंग कमिटी की रिपोर्ट का सारांश

उत्तर-पूर्वी परिषद (संशोधन) बिल, 2013

 

  • गृह मामलों से संबंधित स्टैंडिंग कमिटी (चेयरपर्सनः वैंकेया नायडु) ने 30 मई, 2013 को उत्तर-पूर्वी परिषद (संशोधन) बिल, 2013 पर अपनी रिपोर्ट सौंपी। इस बिल को उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय ने 11 मार्च, 2013 को राज्यसभा में पेश किया था और इसके बाद कमिटी को विचारार्थ भेज दिया था।
     
  • यह बिल उत्तर-पूर्वी परिषद एक्ट, 1971 को संशोधित करने का प्रयास करता है। एक्ट पूर्वोत्तर राज्यों में संतुलित और समन्वित विकास को सुनिश्चित करने के लिए उत्तर-पूर्वी परिषद का गठन करता है।
     
  • बिल के प्रमुख संशोधन निम्नलिखित हैं : (i) योजना आयोग के एक सदस्य को शामिल करने के लिए परिषद की संयोजना में परिवर्तन, (ii) राष्ट्रपति द्वारा नामित सदस्यों का सुनिश्चित कार्यकाल, और (iii) समान हितों के विषयों (आर्थिक व सामाजिक योजना, परिवहन इत्यादि से संबंधित) पर केंद्र और राज्य सरकारों से चर्चा तथा परामर्श सहित परिषद के कार्यों में परिवर्तन।
     
  • स्टैंडिंग कमिटी ने सुझाव दिया कि इस बिल को पारित कर दिया जाना चाहिए। फिर भी कमिटी ने अपनी 170 वीं अनुदान मांग रिपोर्ट (2013-14) में उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय के कार्यों से संबंधित कुछ सुझाव दिए। उसने सुझाव दिया कि सरकार को अपर्याप्त कर्मचारियों, ढांचागत और तकनीकी सहयोग इत्यादि के मद्देनजर मंत्रालय के कार्यों की समीक्षा करनी चाहिए। मंत्रालय के कार्यों को मजबूती प्रदान करने के लिए उपाय किए जाने चाहिए जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह अन्य मंत्रालयों के साथ प्रभावी तरीके से समन्वय स्थापित कर रहा है (उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लिए परियोजनाओं को कार्यान्वित करने के लिए) और अपनी परियोजनाओं को समय पर पूरा कर रहा है।

 

यह सारांश मूल रूप से अंग्रेजी में तैयार किया गया था। हिंदी रूपांतरण में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता की स्थिति में अंग्रेजी के मूल सारांश से इसकी पुष्टि की जा सकती है।