मंत्रालय: 
वित्त
  • केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर बिल, 2017 को लोकसभा में 27 मार्च, 2017 को पेश किया गया। बिल केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) की वसूली का प्रावधान करता है।
     
  • सीजीएसटी की वसूली: केंद्र राज्य की सीमा के अंदर वस्तुओं एवं सेवाओं की सप्लाई पर सीजीएसटी की वसूली करेगा। सप्लाई में बिक्री, हस्तांतरण और व्यवसाय को विस्तार देने के लिए तैयार की गई लीज शामिल है।
     
  • टैक्स की दरें: सीजीएसटी की टैक्स की दरों को जीएसटी परिषद के सुझावों के आधार पर निर्धारित किया जाएगा। यह दर 20% से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त बिल 50 लाख रुपए से कम टर्नओवर वाले टैक्सपेयरों को इस बात की अनुमति देता है कि वे अपने टर्नओवर पर फ्लैट रेट से टैक्स चुका सकते हैं (इसे कंपोजीशन लेवी कहा जाएगा), वस्तुओं एवं सेवाओं की सप्लाई की कीमत पर टैक्स चुकाने की बजाय उन्हें यह सुविधा प्रदान की जा रही है। इस फ्लैट रेट की अधिकतम सीमा 2.5% होगी।
     
  • सीजीएसटी से छूट: केंद्र एक अधिसूचना जारी करके कुछ वस्तुओं और सेवाओं को जीएसटी के दायरे से बाहर रख सकता है। जीएसटी परिषद के सुझाव के आधार पर इस प्रकार की छूट दी जाएगी।
     
  • सीजीएसटी चुकाने की देनदारी: वस्तुओं और सेवाओं की सप्लाई के संबंध में सीजीएसटी चुकाने की देनदारी निम्न तारीखों से प्रारंभ होगी: (i) इनवॉयस को जारी करने की तारीख, (ii) भुगतान प्राप्त करने की तारीख, इनमें से जो भी पहले हो।
     
  • टैक्स योग्य राशि (सप्लाई का मूल्य): सीजीएसटी ऐसी वस्तुओं और सेवाओं की सप्लाई पर वसूली जाएगी जिनकी कीमत में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) सप्लाई पर चुकाई जाने वाली कीमत; (ii) दूसरे टैक्स कानूनों के तहत वसूले जाने वाले टैक्स और ड्यूटी; (iii) ब्याज, लेट फी, देर से किए गए भुगतानों पर जुर्माना, इत्यादि।
     
  • इनपुट टैक्स क्रेडिट: प्रत्येक टैक्सपेयर आउटपुट पर टैक्स चुकाते समय इनपुट पर चुकाए गए टैक्स के बराबर क्रेडिट ले सकता है। लेकिन यह निम्नलिखित से संबंधित सप्लाई पर लागू नहीं होगा: (i) व्यक्तिगत उपभोग, (ii) खाद्य पदार्थों की सप्लाई, आउटडोर केटरिंग, स्वास्थ्य सेवाएं इत्यादि।
     
  • पंजीकरण: ऐसे व्यक्ति जो वस्तुओं और सेवाओं की सप्लाई करते हैं और जिनका टर्नओवर 20 लाख रुपए से अधिक है, उन्हें हर उस राज्य में पंजीकरण कराना होगा, जिनमें वे कारोबार करते हैं। विशेष श्रेणी वाले राज्यों में टर्नओवर की सीमा 10 लाख रुपए है।
     
  • रिटर्न: : प्रत्येक टैक्सपेयर को अपने टैक्स का सेल्फ एसेसमेंट करना होगा और हर महीने टैक्स फाइल करना होगा। इसके लिए उसे निम्नलिखित दस्तावेज जमा कराने होंगे : (i) उसने जो सप्लाइज़ की हैं, उनका विवरण, (ii) उसने जो सप्लाइज़ प्राप्त की हैं, उनका विवरण, और (iii) टैक्स का भुगतान। प्रत्येक टैक्सपेयर को मासिक रिटर्न भरने के अतिरिक्त वार्षिक रिटर्न भी फाइल करना होगा।
     
  • रिफंड और वेल्फेयर फंड: प्रत्येक टैक्सपेयर निम्नलिखित मामलों में टैक्स रिफंड के लिए आवेदन कर सकता है: (i) अतिरिक्त टैक्स का भुगतान करने पर, या (ii) ऐसे इनपुट टैक्स क्रेडिट पर, जिसका उपयोग नहीं किया गया। ऐसे आवेदन की स्थिति में रिफंड को टैक्सपेयर को चुकाया जा सकता है या विशेष परिस्थितियों में कंज्यूमर वेल्फेयर फंड में जमा किया जा सकता है। इस फंड को उपभोक्ताओं के कल्याण के लिए प्रयोग किया जाएगा।
     
  • मुकदमा और अपील: अगर कोई व्यक्ति निम्नलिखित अपराध करता है, (i) जैसे सप्लाई की गई वस्तुओं या सेवाओं की गलत जानकारी देना, (ii) इनवॉयस में प्रस्तुत किए गए विवरणों का गलत होना, तो ऐसी स्थिति में सीजीएसटी कमीशनर उस पर जुर्माना लगा सकता, उसे जेल भेजा जा सकता है या जुर्माना एवं जेल दोनों की सजा दे सकता है। ऐसे किसी आदेश के खिलाफ वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय ट्रिब्यूनल और उसके बाद उच्च न्यायालय में अपील की जा सकती है।
     
  • नए रेजीम में संक्रमण: अगर किसी टैक्सपेयर ने मौजूदा कानूनों, जैसे सेंट्रल वैट, के तहत हासिल इनपुट टैक्स क्रेडिट का उपयोग नहीं किया है तो वह उसे जीएसटी के तहत उपयोग कर सकता है। इसके अतिरिक्त व्यापारी जीएसटी के लागू होने से पहले खरीदे गए स्टॉक पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठा सकते हैं।
     
  • मुनाफाखोरी निरोध के उपाय: केंद्र सरकार यह जांचने के लिए कानूनन किसी प्राधिकरण का गठन कर सकती है या किसी प्राधिकरणको इस बात के लिए नामित कर सकती है कि क्या टैक्स की दरों में कमी के परिणामस्वरूप वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में कमी आई है। प्राधिकरण की शक्तियों को सरकार द्वारा निर्धारित किया जाएगा।
     
  • अनुपालन की रेटिंग: प्रत्येक टैक्सपेयर को बिल के प्रावधानों के अनुपालन के उसके रिकॉर्ड के आधार पर एक रेटिंग स्कोर दिया जाएगा। इस रेटिंग स्कोर को एक निश्चित अंतराल पर अपडेट किया जाएगा और उसे पब्लिक डोमेन पर प्रस्तुत किया जाएगा।

 

 

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