मंत्रालय: 
वित्त
  • वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने 7 अगस्त, 2018 को लोकसभा में वस्तु एवं सेवा कर (राज्यों को मुआवजा) संशोधन बिल, 2018 पेश किया। यह बिल वस्तु एवं सेवा कर (राज्यों को मुआवजा) एक्ट, 2017 में संशोधन करता है। जीएसटी के लागू होने के बाद राज्यों को राजस्व का जो नुकसान हुआ है, एक्ट में उसके मुआवजे के प्रावधान हैं।
     
  • मुआवजा फंड : एक्ट के अंतर्गत केंद्र सरकार को इस बात की अनुमति दी गई है कि वह कुछ वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर जीएसटी मुआवजा सेस की वसूली करे। सेस से प्राप्त होने वाली राशि को जीएसटी मुआवजा फंड में जमा किया जाता है। जीएसटी के लागू होने के कारण राजस्व के नुकसान की भरपाई के लिए फंड में जमी की गई राशि का प्रयोग किया जाता है।
     
  • एक्ट के अंतर्गत ट्रांज़िशन की अवधि (राज्य अपने जीएसटी एक्ट को जिस तारीख से लागू करते हैं, उसके बाद से पांच वर्ष तक) के अंत में मुआवजा फंड में बची अनुपयुक्त राशि को निम्नलिखित प्रकार से बांटा जाता है: (i) फंड का 50% हिस्सा राज्यों के बीच उनके कुल राजस्व के अनुपात में बांटा जाता है, और (ii) शेष 50% हिस्सा केंद्र के डिवाइजिबल पूल में चला जाता है।
     
  • बिल में एक प्रावधान जोड़ा गया है। इसमें कहा गया है कि ट्रांजिशन की अवधि के दौरान मुआवजा फंड से किसी अनुपयुक्त राशि (जीएसटी परिषद के सुझाव पर) को निम्नलिखित प्रकार से बांटा जाएगा : (i) फंड का 50% हिस्सा राज्यों के बीच उनके आधार वर्ष (2015-16) के राजस्व के अनुपात में बांटा जाएगा, और (ii) शेष 50% हिस्सा केंद्र के डिवाइजिबल पूल में चला जाएगा।
     
  • एक्ट स्पष्ट करता है कि राज्यों को दिया जाने वाला मुआवजा हर दो महीने के अंत में जारी किया जाए। बिल कहता है कि मुआवजे की राशि कम होने की स्थिति में निम्नलिखित तरीके से उसे रिकवर किया जा सकता है: (i) केंद्र से 50% राशि, और (ii) राज्यों से उनके आधार वर्ष के राजस्व के अनुपात में शेष 50% राशि। हालांकि यह राशि केंद्र और राज्यों को हस्तांतरित की गई कुल राशि से अधिक नहीं होनी चाहिए।

 

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