लेजिसलेटिव ब्रीफ
पेस्टिसाइड मैनेजमेंट बिल, 2020
बिल की मुख्य विशेषताएं
- बिल सुरक्षित और उपयोगी पेस्टिसाइड्स यानी कीटनाशकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने और मनुष्यों एवं पर्यावरण के जोखिम को कम करने के लिए कीटनाशकों को रेगुलेट करता है। यह जैविक कीटनाशकों को बढ़ावा देने का भी काम करता है।
- बिल कीटनाशकों को रजिस्टर करने तथा रजिस्ट्रेशन में संशोधन, उसे निरस्त या रद्द करने के लिए केंद्रीय स्तर पर रजिस्ट्रेशन कमिटी का गठन करता है। कमिटी किसी कीटनाशक का रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकती, अगर फसल पर उसकी अधिकतम शेष मात्रा (रेस्ड्यू) खाद्य सुरक्षा एवं मानक एक्ट, 2006 के अंतर्गत निर्दिष्ट नहीं है।
- रजिस्ट्रेशन कमिटी के पास रजिस्टर्ड कीटनाशकों की आवर्ती समीक्षा करने की शक्ति है। केंद्र या राज्य सरकार के रेफ्रेंस पर भी उसे यह समीक्षा करनी होगी।
- राज्य कीटनाशकों की मैन्यूफैक्चरिंग, स्टोरेज और बिक्री के लिए लाइसेंस जारी करने के लिए जिम्मेदार हैं। राज्य (और केंद्र) इस बात की निगरानी करने के लिए कीटनाशक इंस्पेक्टर और एनालिस्ट की नियुक्ति करेंगे कि लाइसेंसधारी बिल के प्रावधानों का अनुपालन कर रहे हैं अथवा नहीं।
- बिल एक मुआवजा फंड की स्थापना करता है जिससे जहरीले कीटनाशकों के शिकार लोगों को भुगतान किया जाएगा।
प्रमुख मुद्दे और विश्लेषण
- यह प्रश्न पूछा जा सकता है कि क्या कृषि मंत्रालय को कीटनाशकों को रेगुलेट करना चाहिए। कृषि मंत्रालय का कार्य कृषि उत्पादकता को बढ़ाना और उपयोगी कीटनाशकों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के संभावित खतरों की रोकथाम के लिए कीटनाशकों के रेगुलेशन की जरूरत के साथ इसका टकराव हो सकता है।
- बिल 2008 की कृषि संबंधी स्टैंडिंग कमिटी के कई सुझावों को लागू नहीं करता, जैसे अगर पेस्टिसाइड इंस्पेक्टर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करता है तो उसे सजा दी जाए, कीटनाशकों के रजिस्ट्रेशन के लिए एक वर्ष की समय सीमा निर्दिष्ट की जाए और नए कीटनाशकों के रजिस्ट्रेशन के लिए डेटा प्रोटेक्शन दिया जाए। नए कीटनाशकों के रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदक को उस कीटनाशक के कई वर्षों के सुरक्षा एवं प्रभाव संबंधी डेटा को जमा कराना पड़ता है। डेटा प्रोटेक्शन से यह तय होगा कि उस डेटा के आधार पर किसी अन्य व्यक्ति को एक निर्दिष्ट समय में वैसे ही कीटनाशक के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं दिया जाएग।
- कीटनाशकों के रजिस्ट्रेशन की वैधता की कोई सीमा नहीं है और यह रजिस्ट्रेशन कमिटी या सरकार का दायित्व है कि वह समीक्षा के लिए कीटनाशकों को चिन्हित करे। प्रश्न यह है कि रजिस्टर्ड कीटनाशकों की आवर्ती समीक्षा सुनिश्चित करने के लिए कौन जिम्मेदार होना चाहिए। रजिस्ट्रेशन की सीमित वैधता से यह दायित्व रजिस्ट्रेशन धारक का होगा कि वह रजिस्ट्रेशन को रीन्यू कराए और सेफ्टी डेटा को समय-समय पर जनरेट करे।
- बिल सुरक्षित कीटनाशकों की उपलब्धता सुनिश्चित करता है लेकिन निरीक्षण और जांच की पर्याप्त क्षमता न होने के कारण कानून का असर कम हो सकता है।
भाग क : बिल की मुख्य विशेषताएं
संदर्भ
2018 में किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से एक कमिटी बनाई गई थी। इस कमिटी ने कहा था कि खरपतवार, कीटों, बीमारियों और चूहों (रोडेंट्स) के कारण 15% से 25% फसलों का नुकसान हो जाता है।[1] कीटनाशक ऐसे रसायन या जैविक पदार्थ होते हैं जोकि कीटों के नुकसान को रोकते हैं, उन्हें नष्ट और नियंत्रित करते हैं। इनका कृषि और गैर कृषि, दोनों उपयोग होता है। इनमें इन्सेक्टिसाइड, फंगीसाइड्स, वीडीसाइड्स और रोडेंटिसाइड्स शामिल हैं। 40-50% कृषि योग्य भूमि (शुद्ध बुवाई क्षेत्र) में कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाता है।[2] किसानों की आय को दोगुनी करने से संबंधित रिपोर्ट में कृषि उत्पादकता बढ़ाने में कीटनाशकों की भूमिका को स्पष्ट किया गया था और कहा गया था कि नकली कीटनाशक कृषि क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक हैं।1
वर्तमान में कृषि और गैर कृषि कार्यों में इस्तेमाल होने वाले कीटनाशकों को इन्सेक्टिसाइड एक्ट, 1968 के अंतर्गत रेगुलेट किया जाता है। 2008 में इस एक्ट के स्थान पर पेस्टिसाइड मैनेजमेंट बिल पेश किया गया।[3] इसके बाद कृषि संबंधी स्टैंडिंग कमिटी ने इस बिल की समीक्षा करते हुए 1968 के एक्ट से संबंधित समस्याओं का जिक्र किया था, जैसे: (i) कीटनाशकों की सीमित परिभाषा जिसमें एक्ट की अनुसूची में निर्दिष्ट फॉर्मूलेशन ही शामिल हैं, (ii) रजिस्ट्रेशन की पूर्व शर्त के तौर पर पेस्टिसाइड रेस्ड्यू की टॉलरेंस लिमिट का न होना, और (iii) एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर पर्याप्त सजा न होना।[4] 2008 के बिल में कीटनाशकों को ऐसे रसायनिक या जैविक पदार्थ के रूप में परिभाषित किया गया था जिसका उद्देश्य कृषि में कीटों को नियंत्रित करना हो। इसमें कीटनाशकों के लिए रेसेड्यू टॉरलेंस लिमिट्स से संबंधित निर्देश थे और सजा भी कड़ी की गई थी। पेस्टिसाइड मैनेजमेंट बिल, 2020 को पेश करने के साथ इस बिल को वापस ले लिया गया।
पेस्टिसाइड मैनेजमेंट बिल, 2020 कीटनाशकों की मैन्यूफैक्चरिंग, आयात, वितरण और बिक्री को रेगुलेट करता है ताकि सुरक्षित और उपयोगी कीटनाशकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके और मनुष्यों, पशुओं एवं पर्यावरण पर उनके जोखिम को कम किया जा सके। इसमें कृषि और गैर कृषि कार्यों (जैसे उद्योग और घरों में) में इस्तेमाल होने वाले कीटनाशक शामिल हैं।
मुख्य विशेषताएं
कीटनाशकों का रजिस्ट्रेशन
- कीटनाशकों की मैन्यूफैक्चरिंग या आयात के इच्छुक व्यक्ति को रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करना होगा। रजिस्ट्रेशन तीन प्रकार का हो सकता है: (i) प्रोविजिनल रजिस्ट्रेशन, या (ii) (ओरिजिनल) रजिस्ट्रेशन, या (iii) जेनेरिक कीटनाशक का रजिस्ट्रेशन। प्रोविजिनल रजिस्ट्रेशन ऐसे कीटनाशक को तीन वर्ष के लिए दिया जाएगा जिसे भारत में पहली बार इंट्रोड्यूस किया गया है ताकि सुरक्षा, बायो-एफिशियंसी, टॉक्सिसिटी और कैमिस्ट्री से संबंधित डेटा को जनरेट किया जा सके। ओरिजिनल रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदक से पूरे वैज्ञानिक डेटा को जमा करने की अपेक्षा की जाती है, जैसा निर्दिष्ट किया जाए। संबंधित ओरिजिनल रजिस्ट्रेशन के लिए जमा किए गए वैज्ञानिक डेटा के आधार पर जेनेरिक कीटनाशक का रजिस्ट्रेशन दिया जाता है।
- केंद्र सरकार द्वारा गठित रजिस्ट्रेशन कमिटी कीटनाशकों को रजिस्टर करने और इन पर शर्तें तय करने के लिए जिम्मेदार है। कीटनाशक का रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकता है, अगर खाद्य सुरक्षा एवं मानक एक्ट, 2006 के अंतर्गत फसलों और कमोडिटीज़ पर कीटनाशक की शेष मात्रा (रेस्ड्यू) की अधिकतम सीमा निर्दिष्ट नहीं है। कमिटी कुछ स्थितियों में रजिस्ट्रेशन में संशोधन कर सकती है, उन्हें निरस्त या रद्द कर सकती है।
- कमिटी को रजिस्टर्ड कीटनाशकों की आवर्ती समीक्षा करनी होगी और वह अपने आप भी समीक्षा कर सकती है। इसके अतिरिक्त केंद्र या राज्य सरकार के रेफ्रेंस पर भी उसे यह समीक्षा करनी होगी।
लाइसेंसिंग
- कीटनाशकों की मैन्यूफैक्चरिंग, वितरण या बिक्री या पेस्ट कंट्रोल अभियान के इच्छुक व्यक्तियों को लाइसेंसिंग ऑफिसर से लाइसेंस लेना होगा। इस ऑफिसर को राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किया जाएगा। अगर आवेदक इंफ्रास्ट्रक्चर, परिसर, स्टोरेज और परिवहन से संबंधित निर्दिष्ट शर्तों को पूरा करता है तो लाइसेंस दिया जा सकता है। अगर लाइसेंस की शर्तों या एक्ट के प्रावधानों का उल्लंशर्तों को पूरा करता है तो लाइसेंस दिया जा सकता है। अगर लाघन किया जाता है तो लाइसेंस में संशोधन किया जा सकता है, या उसे वापस लिया जा सकता है। राज्य सरकार प्रिसक्रिप्शन के आधार पर उच्च विषैले कीटनाशकों की बिक्री का प्रावधान कर सकती है।
निरीक्षण
- केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा नियुक्त पेस्टिसाइड इंस्पेक्टर बिल के प्रावधानों को लागू करने के लिए जिम्मेदार होंगे। इंस्पेक्टर निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं: (i) किसी परिसर की तलाशी ले सकते हैं, (ii) किसी संबंधित रिकॉर्ड की जांच और उसे जब्त कर सकते हैं, (iii) जांच कर सकते हैं, (iv) आकलन के लिए सैंपल ले सकते हैं, और (v) कीटनाशकों के वितरण, बिक्री, प्रयोग या निस्तारण को अधिकतम 60 दिनों की अवधि के लिए रोकने का आदेश दे सकते हैं।
- केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा नियुक्त पेस्टिसाइड एनालिस्ट इंस्पेक्टर के जमा किए गए सैंपल का आकलन करेगा और इन सैपल्स को केंद्र या राज्य सरकार की लेबोरेट्रीज़ या मान्यता प्राप्त निजी लेबोरेट्री में जांचा जाएगा।
कीटनाशकों की मैन्यूफैक्चरिंग, बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध
- केंद्र और राज्य सरकारें अधिसूचनाओं के जरिए एक वर्ष की अवधि के लिए कीटनाशकों के वितरण, बिक्री या प्रयोग पर प्रतिबंध लगा सकती है, अगर ऐसा करना जन हित में है, या स्वास्थ्य अथवा पर्यावरण को कुप्रभावित करते हैं। इस दौरान रजिस्ट्रेशन कमिटी कीटनाशक की समीक्षा करेगी और तय करेगी कि क्या यह प्रतिबंध जारी रहेगा।
मुआवजा
- उपभोक्ता संरक्षण एक्ट, 1986 के अंतर्गत उपभोक्ता कीटनाशक से हुए नुकसान या चोट के लिए मुआवजे का दावा कर सकते हैं। केंद्र सरकार जहरीले कीटनाशकों के कारण मौत, नुकसान और गंभीर नुकसान के शिकार व्यक्तियों या उनके कानूनी वारिसों को सदभावनापूर्वक भुगतान के लिए एक फंड बनाएगी।
मूल्य का रेगुलेशन
- उचित मूल्य पर कीटनाशकों के वितरण और उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए अगर जरूरी हो तो केंद्र सरकार कीटनाशकों के मूल्य को रेगुलेट करने के लिए अथॉरिटी का गठन कर सकती है।
सेंट्रल पेस्टिसाइड्स बोर्ड
- बिल एक सेंट्रल पेस्टिसाइड्स बोर्ड के गठन का प्रावधान करता है जोकि केंद्र और राज्य सरकारों को एक्ट के अंतर्गत वैज्ञानिक एवं तकनीकी मामलों पर सलाह देगा, जैसे: (i) कीटनाशकों के मैन्यूफैक्चरर्स के लिए उचित मैन्यूफैक्चरिंग पद्धतियों के मानदंड, (ii) कीटनाशकों के रीकॉल की प्रक्रिया, (iii) कीटनाशकों और पैकेजों को पर्यावरण अनुकूल तरीके से निस्तारित करने के मानदंड, (iv) कीटनाशकों की टेस्टिंग लेबोरेट्रीज़ के लिए मानक, और (v) कीटनाशकों के विज्ञापनों के लिए मानक। बोर्ड जहरीले कीटनाशकों से संबंधित मामलों, खाद्य पदार्थों में कीटनाशकों की मात्रा और रजिस्टर्ड कीटनाशकों की सुरक्षा पर शोध करने के लिए अस्पतालों के लिए मॉडल प्रोटोकॉल भी बनाएगा।
अपराध और सजा
- अपराधों में निम्नलिखित शामिल हैं: (i) बिल के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए कीटनाशकों का आयात/निर्यात, (ii) अनरजिस्टर्ड, अनलाइसेंस्ड या प्रतिबंधित कीटनाशकों का व्यापार, (iii) कीटनाशकों के संबंध में गलतबयानी, या (iv) गंभीर चोट पहुंचाना या मौत का कारण बनना। इन अपराधों के लिए दो से पांच वर्ष तक की कैद या जुर्माना, या दोनों भुगतने पड़ सकते हैं।
भाग ख: प्रमुख मुद्दे और विश्लेषण
कीटनाशक कानून की व्यवस्था
कीटनाशक कृषि के लिए एक महत्वपूर्ण इनपुट हैं लेकिन इनसे मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण को काफी नुकसान होता है। कृषि मंत्रालय का यह बिल कीटनाशकों को रेगुलेट करता है ताकि सुरक्षित और उपयोगी कीटनाशकों की उपलब्धता सुनिश्चित हो और मानव जाति, पशुओं और पर्यावरण को कम से कम जोखिम हो। प्रश्न यह है कि क्या कृषि मंत्रालय को कीटनाशकों को रेगुलेट करना चाहिए। कृषि मंत्रालय का कार्य कृषि उत्पादकता को बढ़ाना है और इसके कारण उपयोगी कीटनाशकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने में उसकी रुचि पैदा होती है। नतीजतन, ऐसे व्यापार के लिए रास्ता खुलता है जोकि स्वास्थ्य और पर्यावरण को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकता है।
कुछ देशों (जैसे यूएस और कनाडा) में कीटनाशक कानूनों का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य एवं पर्यावरणीय जोखिम की रोकथाम करना है। वहां कीटनाशकों को स्वास्थ्य या पर्यावरण मंत्रालय रेगुलेट करते हैं।[5],[6] चीन और मलयेशिया जैसे देशों में कृषि मंत्रालय कीटनाशकों को रेगुलेट करता है।[7],[8] चीन में कृषि मंत्रालय कीटनाशक कानून को प्रशासित करता है और इसमें उपयोगी कीटनाशकों और स्वास्थ्य एवं पर्यावरण की सुरक्षा, दोनों को सुनिश्चित करना शामिल है।7
यह भी अस्पष्ट है कि गैर कृषि कार्यों (सार्वजनिक स्वास्थ्य, घरों में) के लिए इस्तेमाल होने वाले कीटनाशकों को कृषि मंत्रालय द्वारा क्यों रेगुलेट किया जाना चाहिए। ब्राजील में कृषि, स्वास्थ्य और पर्यावरण मंत्रालयों द्वारा संयुक्त रूप से कीटनाशकों का रेगुलेशन किया जाता है।[9] कृषि संबंधी कीटनाशकों को कृषि मंत्रालय द्वारा रजिस्टर किया जाता है। दूसरे कीटनाशकों जैसे सार्वजनिक स्वास्थ्य हेतु इस्तेमाल होने वाले कीटनाशकों को स्वास्थ्य या पर्यावरण मंत्रालय द्वारा रजिस्टर किया जाता है।
स्टैंडिंग कमिटी के सुझाव
कृषि संबंधी स्टैंडिंग कमिटी (चेयरपर्सन: मोहन सिंह) ने पेस्टिसाइड मैनेजमेंट बिल, 2008 की समीक्षा करते हुए कुछ सुझाव दिया थे, जिन्हें इस बिल में शामिल नहीं किया गया है।4 यहां हम उनके बारे में संक्षेप में बता रहे हैं:
पेस्टिसाइड इंस्पेक्टर और एनालिस्ट की जवाबदेही
2020 बिल के अंतर्गत पेस्टिसाइड इंस्पेक्टर के पास परिसर में घुसने, रिकॉर्ड को तलाशने और जब्त करने, सैंपल जमा करने और उसे आकलन के लिए भेजने, तथा कीटनाशकों के वितरण को रोकने की शक्ति है। पेस्टिसाइड एनालिस्ट कीटनाशकों के सैंपल का आकलन करेगा और इंस्पेक्टर को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। स्टैंडिंग कमिटी ने सुझाव दिया था कि अगर निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन न करते हुए, इंस्पेक्टर और एनालिस्ट उचित आधार या टेस्ट सैंपल के बिना अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हैं तो उन्हें सजा और जुर्माने का भागी बनाया जाए। 2020 के बिल में इंस्पेक्टर या एनालिस्ट के लिए सजा का कोई प्रावधान नहीं है।
उल्लेखनीय है कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक एक्ट, 2006 के अंतर्गत खाद्य सुरक्षा अधिकारी और ड्रग्स एवं कॉस्मैटिक्स एक्ट, 1940 के अंतर्गत इंस्पेक्टर के पास भी परिसर में घुसने तथा रिकॉर्ड्स की तलाशी और उन्हें जब्त करने का अधिकार है और शक्तियों का दुरुपयोग करने पर उनके लिए भी सजा तय है।[10],[11] खाद्य सुरक्षा एवं मानक एक्ट में एक लाख रुपए तक का जुर्माना और ड्रग्स एवं कॉस्मैटिक्स एक्ट में दुर्भावना से ली गई तलाशी और जब्ती पर 1,000 रुपए तक का जुर्माना है।
रजिस्ट्रेशन में इस्तेमाल डेटा का प्रोटेक्शन
2020 के बिल में पहली बार इंट्रोड्यूस किए जाने वाले कीटनाशकों और जेनेरिक कीटनाशकों (पहले से रजिस्टर कीटनाशक के आधार पर) के रजिस्ट्रेशन का प्रावधान है। 2008 के बिल (जिसे वापस ले लिया गया) में प्रावधान था कि नए कीटनाशक के रजिस्ट्रेशन के लिए जमा किए गए डेटा के आधार पर किसी अन्य व्यक्ति को तीन वर्ष की अवधि के दौरान वैसे ही कीटनाशक के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं दिया जाएगा। ऐसे डेटा को जनरेट करना अक्सर बहुत महंगा होता है और इसमें काफी समय लगता है। कमिटी ने सुझाव दिया था कि नए कीटनाशकों के रजिस्ट्रेशन के लिए पांच वर्ष का डेटा प्रोटेक्शन दिया जाए ताकि नए फॉर्मूलेशंस को बढ़ावा मिले। डेटा प्रोटेक्शन प्रोविजंस पर सतवंत रेड्डी कमिटी (2007) ने भी कीटनाशकों के रजिस्ट्रेशन के लिए डेटा प्रोटेक्शन के ऐसे ही सुझाव दिए थे।[12] रिपोर्ट में पर्यावरण अनुकूल, सुरक्षित और अधिक उपयोगी कीटनाशकों के विकास को बढ़ावा देने में डेटा प्रोटेक्शन के संभावित लाभों का उल्लेख किया गया था। 2020 के बिल में रजिस्ट्रेशन डेटा के प्रोटेक्शन का प्रावधान नहीं है।
कीटनाशकों के रजिस्ट्रेशन की समय सीमा
जल्द रजिस्ट्रेशन, पारदर्शिता और रजिस्ट्रेशन कमिटी के कुशल कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए स्टैंडिंग कमिटी ने सुझाव दिया था कि आवेदन के एक वर्ष के भीतर रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट दिए जाएं। हालांकि 2020 के बिल में रजिस्ट्रेशन की समय सीमा निर्दिष्ट नहीं की गई है। उल्लेखनीय है कि इन्सेक्टिसाइड एक्ट, 1968 कीटनाशकों के रजिस्ट्रेशन के लिए 12 महीने की समय सीमा निर्दिष्ट करता है।
रजिस्टर्ड कीटनाशकों की आवर्ती समीक्षा की जिम्मेदारी
1968 के एक्ट के अंतर्गत एक बार इन्सेक्टिसाइड के रजिस्टर होने पर रजिस्ट्रेशन को तभी रद्द किया जा सकता, जब केंद्र या राज्य सरकार इन्सेक्टिसाइड को समीक्षा के लिए रेफर करें। अगर संबंधित एंटिटीज़ ऐसा रेफ्ररेंस नहीं देतीं तो बिल के अंतर्गत कीटनाशक का रजिस्ट्रेशन हमेशा के लिए बना रहता है। किसानों की आय को दोगुनी करने से संबंधित रिपोर्ट में कहा गया था कि रजिस्ट्रेशन हमेशा वैध रहना, इस कानून की एक बड़ी समस्या है। [13]
बिल के अनुसार, रजिस्ट्रेशन कमिटी को रजिस्टर्ड कीटनाशकों की आवर्ती समीक्षा करनी चाहिए और वह किसी भी समय किसी कीटनाशक की समीक्षा कर सकती है। हालांकि उसमें यह निर्दिष्ट नहीं है कि इस समीक्षा की फ्रीक्वेंसी क्या होगी। इसके अतिरिक्त अगर रजिस्ट्रेशन के बाद सुरक्षा या प्रभाव से संबंधित कोई परिवर्तन होता है तो रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के धारक को कमिटी को इसकी जानकारी देनी चाहिए। हालांकि अगर कोई व्यक्ति कमिटी को यह जानकारी नहीं देता तो उसे लिए सजा की कोई धारा नहीं है। समीक्षा के लिए कीटनाशकों की पहचान की जिम्मेदारी केंद्र या राज्य सरकार, और उनके अतिरिक्त रजिस्ट्रेशन कमिटी की है। अगर ये एंटिटीज़ कीटनाशकों की समीक्षा नहीं करतीं तो कीटनाशकों की वैधता हमेशा बरकरार रह सकती है।
2015 में खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) ने कहा था कि रजिस्ट्रेशन की असीमित अवधि से वर्तमान में प्रयोग किए जाने वाले कीटनाशकों को निर्धारित करना और उनसे जुड़े जोखिमों की नियमित समीक्षा करना मुश्किल होता है।[14] कीटनाशकों के रेगुलेशन पर एफएओ के दिशानिर्देशों में कीटनाशकों के रजिस्ट्रेशन की सीमित वैधता और आवर्ती समीक्षा सुनिश्चित करने के लिए री-रजिस्ट्रेशन की एक प्रणाली का सुझाव दिया गया है।[15] इससे एक ऐसी व्यवस्था तैयार होगी जिसमें रजिस्ट्रेशन धारक रजिस्ट्रेशन के रीन्यूअल के लिए सुरक्षा एवं प्रभाव संबंधी आवर्ती जांच के लिए जिम्मेदार होगा।
कीटनाशकों के निरीक्षण में कार्यान्वयन संबंधी चुनौतियां
1968 का एक्ट और बिल इंस्पेक्टर्स को निरीक्षण, साथ ही जांच के लिए कीटनाशकों का सैंपल जमा करने की शक्ति देते हैं। किसानों की आय दोगुनी करने से संबंधित रिपोर्ट (2018) में कहा गया है कि न तो पर्याप्त संख्या में इंस्पेक्टर्स मौजूद हैं और न ही सैंपल्स की जांच की क्षमता पर्याप्त है।1 2019 में 10,946 इंस्पेक्टर्स को अधिसूचित किया गया था और 2.4 लाख पेस्टिसाइड डीलर्स पर सैंपल्स की जांच की क्षमता 80,000 थी।[16],[17] बिल सुरक्षित कीटनाशकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का प्रयास करता है, लेकिन अपर्याप्त क्षमता से कानून का असर कम हो सकता है।
अनुलग्नक
तालिका 1: इन्सेक्टिसाइड एक्ट, 1968 और 2020 के बिल के बीच तुलना
विषय |
इन्सेक्टिसाइड एक्ट, 1968 |
पेस्टिसाइड मैनेजमेंट बिल, 2020 |
इन्सेक्टिसाइड/पेस्टिसाइड की परिभाषा |
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रजिस्ट्रेशन |
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रजिस्ट्रेशन की समय सीमा |
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रजिस्ट्रेशन की पूर्व शर्त रेस्ड्यू की अधिकतम मात्रा |
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रजिस्टर्ड पेस्टिसाइड्स की समीक्षा |
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रजिस्ट्रेशन में संशोधन, उसे निरस्त या रद्द करना |
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लाइसेंसिंग |
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लाइसेंस देना |
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लाइसेंस की वैधता |
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अपराध और सजा |
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कुछ अपराधों के लिए सजा |
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कुछ अपराधों पर कैद की सजा हटाई गई |
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अन्य प्रावधान |
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केंद्र या राज्य सरकार द्वारा प्रतिबंध |
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मुआवजा |
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मूल्य को रेगुलेट करना |
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Sources: The Pesticide Management Bill, 2020; the Insecticides Act, 1968; PRS.
[1]. Volume-VII, The Report of the Committee on Doubling Farmer’s Income, 2018, http://farmer.gov.in/imagedefault/DFI/DFI%20Volume%207.pdf.
[2]. State of Indian Agriculture, 2017, Ministry of Agriculture and Farmers Welfare, http://agricoop.nic.in/sites/default/files/SIA%202017%20%28Final%29-%20web%20upload.pdf.
[3]. The Pesticide Management Bill, 2008, https://www.prsindia.org/sites/default/files/bill_files/1224668021_The_Pesticides_Management_Bill__2008.pdf.
[4]. The Standing Committee on Agriculture, 2008-09, 46th Report, https://www.prsindia.org/sites/default/files/bill_files/forty-Sixth_Report-Standing_Committee_on_Agriculture_%282008-2009%29.pdf.
[5]. Pest Control Products Act, 2002, Canada, https://laws-lois.justice.gc.ca/eng/acts/P-9.01/page-1.html.
[6]. Federal Insecticide Fungicide and Rodenticide Act, 1910, United States of America, https://www.epa.gov/enforcement/federal-insecticide-fungicide-and-rodenticide-act-fifra-and-federal-facilities.
[7]. Administrative Regulation on Pesticides, 1997, China, http://www.fao.org/faolex/results/details/en/c/LEX-FAOC025176.
[8]. Pesticides Act, 1974, Malaysia, http://www.agc.gov.my/agcportal/uploads/files/Publications/LOM/EN/Act%20149%20-%20Pesticides%20Act%201974.pdf.
[9]. Law No 7.802, 1989, Brazil, http://www.fao.org/faolex/results/details/en/c/LEX-FAOC014336.
[10]. Section 39, The Food Safety and Standards Act, 2006, https://fssai.gov.in/upload/uploadfiles/files/FOOD-ACT.pdf.
[11]. Section 34 AA, The Drug and Cosmetics Act, 1949, http://legislative.gov.in/sites/default/files/A1940-23.pdf.
[12]. Report on Steps to be taken by Government of India in the context of Data Protection Provisions of Article 39.3 of TRIPS Agreement, https://chemicals.nic.in/sites/default/files/DPBooklet.pdf.
[13]. Volume-XIII, The Report of the Committee on Doubling Farmer’s Income, 2018, http://agricoop.gov.in/sites/default/files/DFI%20Volume%2013.pdf.
[14]. Progress in Pesticide Risk Assessment and Phasing-Out of Highly Hazardous Pesticides in Asia, Food and Agriculture Organisation, 2015, http://www.fao.org/3/a-i4362e.pdf.
[15]. Guidelines on Pesticide Legislation, Food and Agriculture Organisation, UN, http://www.fao.org/3/a-i5008e.pdf.
[16]. Directorate of Plant Protection, Quarantine and Storage, Ministry of Agriculture and Farmers Welfare, http://ppqs.gov.in/sites/default/files/number_of_insecticide_inspectors_of_central_state_govt.pdf.
[17]. Directorate of Plant Protection, Quarantine and Storage, Ministry of Agriculture and Farmers Welfare.
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