अध्यादेश का सारांश
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) दूसरा (संशोधन) अध्यादेश, 2020
- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) दूसरा (संशोधन) अध्यादेश, 2020 को 30 दिसंबर, 2020 को जारी किया गया। अध्यादेश राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) दूसरा एक्ट, 2011 में संशोधन करता है।
- 2011 के एक्ट में निम्नलिखित प्रावधान हैं: (i) दिल्ली शेल्टर इंप्रूवमेंट बोर्ड एक्ट, 2010 और दिल्ली मास्टर प्लान, 2021 के प्रावधानों के अनुसार स्लम निवासियों और झुग्गी-झोपड़ी क्लस्टर्स को स्थानांतरित करना, (ii) अनाधिकृत कालोनियों, ग्रामीण आबादी क्षेत्रों (और उनके विस्तार) को नियमित करना, (iii) अनुमत भवन निर्माण की सीमाओं को तोड़कर बने फार्म हाउस और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के दूसरे सभी क्षेत्रों के लिए नीति या योजना बनाना, और (iv) दिल्ली के मास्टर प्लान के अंतर्गत किसी निर्माण की तोड़फोड़ या सीलिंग की स्थिति में कोई दंडात्मक कार्रवाई न करना और लोगों को कम से कम तकलीफ देना। दिल्ली मास्टर प्लान 2021 को केंद्र सरकार ने 7 फरवरी, 2007 में अधिसूचित किया था। इसमें शहरी निर्धन वर्ग के लिए आवास और अनौपचारिक क्षेत्र से जुड़े मसलों से संबंधित रणनीतियों दी गई हैं।
- वैधता की अवधि: 2011 का एक्ट 31 दिसंबर, 2020 तक वैध था। अध्यादेश ने इस समय सीमा को 31 दिसंबर, 2023 कर दिया है।
- अनाधिकृत कालोनियों का नियमितीकरण: 2011 के एक्ट में अनाधिकृत कालोनियों के नियमितीकरण का प्रावधान है, (i) जोकि 31 मार्च, 2002 को मौजूद थीं, और (ii) जहां 1 जून, 2014 तक निर्माण हुआ था। अध्यादेश में इसमें संशोधन किया गया है और कहा गया है कि अनाधिकृत कालोनियों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अनाधिकृत कालोनियों के निवासियों के संपत्ति के अधिकार को मान्यता) एक्ट, 2019 और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अनाधिकृत कालोनियों के निवासियों के संपत्ति के अधिकार को मान्यता) रेगुलेशंस, 2019 के अनुसार नियमितीकरण के लिए चिन्हित किया जाएगा। इस प्रकार अनाधिकृत कालोनियां जोकि: (i) 1 जून, 2014 को मौजूद थीं, और (ii) 1 जनवरी, 2015 तक 50% विकसित हो गई थीं, वे नियमितीकरण के लिए पात्र होंगी।
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