स्टैंडिंग कमिटी की रिपोर्ट का सारांश

व्यवसायगत सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थितियां संहिता, 2019 
 

  • श्रम संबंधी स्टैंडिंग कमिटी (चेयर: भर्तुहरि महताब) ने 11 फरवरी, 2020 को व्यवसायगत सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थितियां संहिता, 2019 पर अपनी रिपोर्ट सौंपी। संहिता स्वास्थ्य, सुरक्षा और कार्य स्थितियों से संबंधित 13 मौजूदा श्रम कानूनों को रद्द करती है और उनका स्थान लेती है।
     
  • परिभाषाकमिटी ने कहा कि संहिता में कुछ शब्दों जैसे वेज, वर्कप्लेस, सुपरवाइजर और मैनेजर को स्पष्ट नहीं किया गया है। उसने सुझाव दिया कि इन  शब्दों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाए। 
     
  • कर्मचारी और श्रमिकसंहिता में श्रमिक को ऐसे व्यक्ति के रूप में परिभाषित किया गया है जोकि किसी उद्योग में मैनुअल या सुपरवाइजरी, इत्यादि काम के लिए नियुक्त है। इसमें पुलिस के रूप में नियुक्त या प्रति माह 15,000 रुपए से अधिक कमाने वाले व्यक्तियों को शामिल नहीं किया गया है। कर्मचारी को ऐसे व्यक्ति के रूप में परिभाषित किया गया है जिसे इस्टैबलिशमेंट द्वारा वेतन पर नियुक्त किया गया है। इसमें अप्रेंटिस और सशस्त्र बलों के लोग शामिल नहीं हैं।
  • कमिटी के अनुसार, इस बारे में अस्पष्टता है कि संहिता के कौन से खंड कर्मचारियों या श्रमिकों पर लागू होते हैं। उदाहरण के लिए कार्य स्थितियों वाले खंड कर्मचारियों पर लागू होते हैं, जबकि कल्याणकारी उपाय श्रमिकों पर। कमिटी ने सुझाव दिया कि कल्याणकारी उपाय कर्मचारियों और श्रमिकों, दोनों पर लागू होने चाहिए। इसके अतिरिक्त दोनों पारिभाषिक शब्दों के बीच अंतर करने से उनकी व्याख्या में गलती हो सकती है। इसलिए कमिटी ने सुझाव दिया कि एक परिभाषा का इस्तेमाल किया जाना चाहिए जोकि सभी खंडों पर समान रूप से लागू हो। 
     
  • कमिटी ने यह भी कहा कि प्रति माह 15,000 रुपए से अधिक कमाने वाले सुपरवाइजर्स को श्रमिक नहीं माना गया। कमिटी ने सुझाव दिया कि वेतन की सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए ताकि अधिक लोग श्रमिक की परिभाषा के दायरे में आ सकें।
     
  • राज्य सरकारों की शक्तियां: संहिता के अंतर्गत केंद्र सरकार के इस्टैबलिशमेंट्स, मुख्य बंदरगाहों और खदानों इत्यादि से संबंधित मामलों में केंद्र सरकार, उचित सरकार होगी। दूसरे सभी मामलों में, जिनमें कारखाने और बागान आते हैं, राज्य सरकार उचित सरकार होगी। कमिटी ने कहा कि यह अस्पष्ट है कि कब उपयुक्त सरकार का अर्थ राज्य सरकारें हैं।  उसने राज्य और केंद्र सरकार की जिम्मेदारियां निर्दिष्ट करने का सुझाव दिया। और यह भी कहा कि सुरक्षा और कार्य स्थितियां राज्य की जिम्मेदारी होती है। 
     
  • कल्याणकारी उपाय: संहिता के अंतर्गत कारखाने और 500 या उससे अधिक श्रमिकों वाले कंस्ट्रक्शन इस्टैबलिशमेंट्स, और 100 या उससे अधिक श्रमिकों वाली खदानों को सेफ्टी ऑफिसर्स को नियुक्त करना चाहिए। कमिटी ने सुझाव दिया कि संहिता को सभी इस्टैबलिशमेंट्स में सेफ्टी ऑफिसर्स की अधिसूचना का प्रावधान करना चाहिए, भले ही उसका आकार कोई भी हो।
     
  • इसके अतिरिक्त संहिता में कहा गया है कि केंद्र सरकार अधिसूचना के जरिए क्रेश की सुविधा का प्रावधान कर सकती है। कमिटी के अनुसार, इस्टैबलिशमेंट्स को यह सुविधा होनी चाहिए कि वे केंद्र या राज्य सरकारों, या निजी पक्षों द्वारा स्थापित कॉमन क्रेश की सुविधा उठा सकें। इसके अतिरिक्त संहिता को लघु स्तर के उद्योगों हेतु संसाधनों को पूल करने और कॉमन क्रेश स्थापित करने का प्रावधान करना चाहिए। 
     
  • काम के घंटे: संहिता के अंतर्गत काम के अधिकतम घंटों को उचित सरकार द्वारा अधिसूचित किया जाना चाहिए। कमिटी ने सुझाव दिया कि संहिता को प्रति दिन काम के लिए अधिकतम आठ घंटे का प्रावधान करना चाहिए। श्रमिकों की कुछ श्रेणियों जैसे जर्नलिस्ट्स और ऑडियो-विजुअल श्रमिकों के लिए   अपवाद किए जा सकते हैं जो एक साथ आठ घंटे काम न करते हों। 
     
  • कवरेजसंहिता 10 या उससे अधिक श्रमिकों वाले सभी इस्टैबलिशमेंट्स, और सभी खदानों एवं डॉक्स पर लागू होती है। कमिटी ने कहा कि संहिता के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की सुरक्षा को संरक्षण प्राप्त नहीं है। उसने सुझाव दिया कि संहिता में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रावधानों को अधिसूचित करने की एक प्रणाली शामिल की जानी चाहिए। 
     
  • खतरनाक प्रक्रियाएं और पदार्थ: कमिटी ने कहा कि कीटनाशकों को खतरनाक पदार्थों में शामिल नहीं किया गया है। उसने सुझाव दिया कि कीटनाशकों (पेस्टिसाइट्स) और कीटाणुनाशकों (इंसेक्टिसाइट्स) को खतरनाक पदार्थ माना जाना चाहिए। उसने यह सुझाव भी दिया कि विकसित देशों के अनुरूप खतरनाक प्रक्रियाओं की सूची बढ़ाई जानी चाहिए।
     
  • ऑडियो-विजुअल श्रमिक: कमिटी ने सुझाव दिया कि ऑडियो-विजुअल श्रमिकों की परिभाषा में एक्टर्स और म्यूजीशियन्स के अतिरिक्त डबिंग कलाकार और स्टंड पर्सन शामिल किए जाएं। इसी प्रकार ऑडियो-विजुअल प्रोडक्शन की परिभाषा में कार्टून्स और विज्ञापनों के अतिरिक्त फिल्मों को शामिल किया जा सकता है। 
     
  • कॉन्ट्रैक्ट लेबर: संहिता में कहा गया है कि उचित सरकार किसी भी प्रकार के कार्य में कॉन्ट्रैक्ट लेबर के रोजगार को प्रतिबंधित कर सकती है। इसके लिए कमिटी ने सुझाव दिया कि संहिता को कोर और नॉन कोर वर्क के बीच अंतर करना चाहिए जिसमें कॉन्ट्रैक्ट लेबर किया जा सकता है।
     
  • अतिरिक्त अध्यायकमिटी ने सुझाव दिया कि संहिता में कुछ अतिरिक्त अध्याय शामिल किए जाने चाहिए जोकि अंतरराज्यीय प्रवासी श्रमिकों और बागान श्रमिकों के लिए क्रमशः सुरक्षा एवं स्वास्थ्य और कार्य स्थितियों को निर्दिष्ट करें।

 

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