मंत्रालय: 
श्रम
  • श्रम और रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने 18 दिसंबर, 2017 को लोकसभा में ग्रैच्युटी का भुगतान (संशोधन) बिल, 2017 पेश किया। यह बिल ग्रैच्युटी का भुगतान एक्ट, 1972 में संशोधन करता है।
     
  • ग्रैच्युटी का भुगतान एक्ट, 1972 किसी भी प्रतिष्ठान, कारखाने, खान, तेल क्षेत्र, बागान, बंदरगाह, रेलवे, कंपनी या 10 से अधिक व्यक्तियों को काम पर रखने वाली दुकानों के कर्मचारियों को ग्रैच्युटी के भुगतान की अनुमति देता है। अगर कर्मचारियों ने सेवा समाप्ति के समय तक कम से कम पांच वर्ष की निरंतर सेवा प्रदान की है तो उन्हें ग्रैच्युटी का भुगतान किया जाएगा।
     
  • एक्ट के अंतर्गत महिला कर्मचारियों को उपलब्ध मातृत्व अवकाश की अधिकतम अवधि 12 हफ्ते है। बिल इस प्रावधान में संशोधन करता है जिससे यह विनिर्दिष्ट किया जा सके कि केंद्र सरकार मातृत्व अवकाश की अधिकतम अवधि अधिसूचित कर सकती है। उल्लेखनीय है कि मातृत्व लाभ (संशोधन) एक्ट, 2017 ने अधिकतम मातृत्व अवकाश को 12 हफ्ते से बढ़ाकर 26 हफ्ते कर दिया है।
     
  • एक्ट के अंतर्गत किसी कर्मचारी को चुकाई जाने वाली ग्रैच्युटी की अधिकतम राशि 10 लाख रुपए से अधिक नहीं हो सकती। बिल इस प्रावधान में संशोधन करता है और कहता है कि इस सीमा को केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित किया जा सकता है।

 

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