मंत्रालय: 
गृह मामले
  • गृह मामलों के मंत्री अमित शाह ने 25 नवंबर, 2019 को लोकसभा में विशेष संरक्षण समूह (संशोधन) बिल, 2019 पेश किया। बिल विशेष संरक्षण समूह एक्ट, 1988 में संशोधन करता है। यह एक्ट प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार के करीबी सदस्यों को सुरक्षा प्रदान करने हेतु विशेष संरक्षण समूह (एसपीजी) के गठन और रेगुलेशन का प्रावधान करता है।
     
  • एक्ट के अंतर्गत एसपीजी प्रधानमंत्री और उनके परिवार के करीबी सदस्यों को सुरक्षा प्रदान करती है। पद छोड़ने की तिथि के एक साल बाद तक पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार के करीबी सदस्यों को भी एसपीजी सुरक्षा प्रदान की जाती है। इस अवधि के बाद खतरे के स्तर को देखते हुए एसपीजी सुरक्षा दी जाती है। खतरे के स्तर का निर्धारण केंद्र सरकार करती है। यह खतरा निम्नलिखित प्रकार का होना चाहिए: (i) अगर वह सैन्य या आतंकवादी संगठन द्वारा उत्पन्न हो रहा हो, और (ii) वह गंभीर और निरंतर जारी रहने वाला हो।
     
  • बिल इस प्रावधान में संशोधन करता है और कहता है कि एसपीजी प्रधानमंत्री और उनके साथ उनके सरकारी आवास में रहने वाले परिवार के करीबी सदस्यों को सुरक्षा प्रदान करेगी। वह पूर्व प्रधानमंत्रियों और उन्हें आबंटित आवास में उनके साथ रहने वाले परिवार के करीबी सदस्यों को भी सुरक्षा प्रदान करेगी। यह पद छोड़ने की तिथि के पांच साल बाद तक उन्हें सुरक्षा प्रदान करेगी।
     
  • एक्ट में प्रावधान है कि अगर किसी पूर्व प्रधानमंत्री से एसपीजी सुरक्षा हटाई जाती है, तो उसके परिवार के करीबी सदस्यों से भी यह हटा ली जाएगी, बशर्ते परिवार के करीबी सदस्यों पर खतरे का स्तर ऐसी सुरक्षा को न्यायसंगत ठहराता हो। बिल इस शर्त को हटाता है और कहता है कि अगर किसी पूर्व प्रधानमंत्री से एसपीजी सुरक्षा हटाई जाती है तो उसके परिवार के करीबी सदस्यों से भी सुरक्षा हटा दी जाएगी।

 

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