मंत्रालय: 
जनजातीय मामले
  • आदिवासी मामलों के मंत्री जुआल ओराम ने 14 दिसंबर, 2016 को लोकसभा में संविधान (अनुसूचित जातियां और अनुसूचित जनजातियां) आदेश (संशोधन) बिल, 2016 पेश किया। बिल संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश, 1950 और संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश, 1950 में संशोधन करता है।
     
  • संविधान में विभिन्न राज्यों की अनुसूचित जातियों (एससीज़) और अनुसूचित जनजातियों (एसटीज़) संबंधी विनिर्दिश दिए गए हैं। राष्ट्रपति द्वारा इनके तहत इन दोनों आदेशों को जारी किया गया था। संविधान में यह प्रावधान भी है कि किसी आदेश को संशोधित करने के लिए संसद के कानून की आवश्यकता होती है।
     
  • असम : बिल असम की एसटी की सूची में निम्नलिखित समुदायों को शामिल करता है : (i) बोरो, बोरो कछारी, बोडो, बोडो कछारी, और (ii) करबी (मिकिर)।
     
  • छत्तीसगढ़ : बिल एसटीज़ की सूची में पहले से वर्णित निम्नलिखित समुदायों के समान नामों को स्पष्ट करता है: (i) भूईया, भूईयां, भूयां, (ii) धनवार, धनुहार, धनुवार, (iii) नागेसिया, नागासिया, किसान, और (iv) सवर, सवरा, सौंरा, संवरा।
     
  • झारखंड : बिल झारखंड में एससीज़ की सूची से भोगता समुदाय को हटाकर उसे एसटीज़ की सूची में शामिल करता है। बिल में एसटीज़ की सूची में खरवार समुदाय के दूसरे नामों को भी स्पष्ट किया गया है : भोगता, देशवारी, गंझू, दौतलबंदी, द्वालबंदी, पटबंदी, राउत, माझिया, खैरी, खेरी। झारंखड में एसटीज़ की सूची में पुरान नामक एक नए समुदाय को शामिल किया गया है।
     
  • तमिलनाडु : अनुसूचित जातियों के आदेश, 1950 के तहत मलयाली समुदाय तमिलनाडु के धर्मापुरी, उत्तरी अरकाट, पुदुकोट्टाई, सलेम, दक्षिणी अरकाट और तिरुचिरापल्ली जिलों में एसटी है। बिल इस प्रवेश को संशोधित करते हुए मलयाली गाउंडर समुदाय को पूरे तमिलनाडु में एसटी बनाता है। एसटी की सूची में बिल एक समुदाय नरीकारोवन या कुरीविक्करन को और जोड़ता है।
     
  • त्रिपुरा : बिल त्रिपुरा में एसटीज़ की सूची में कुकी जनजाति में डारलोंग नामक उप जनजाति को और जोड़ता है।

 

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