स्टैंडिंग कमिटी की रिपोर्ट का सारांश
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विदेशी मामलों से संबंधित स्टैंडिंग कमिटी (चेयर: पी.पी.चौधरी) ने 12 दिसंबर, 2022 को ‘भारत की सॉफ्ट पावर और सांस्कृतिक कूटनीति: संभावनाएं और सीमाएं’ पर अपनी रिपोर्ट सौंपी। विदेशी मामलों के मंत्रालय के अनुसार, सॉफ्ट पावर यानी मृदु शक्ति, बल प्रयोग किए बिना दूसरों को प्रभावित करने की अपील और आकर्षण होता है। मंत्रालय ने चार सीमाओं का उल्लेख किया है जो भारत की सॉफ्ट पावर और सांस्कृतिक कूटनीति को बाधित करती हैं। ये निम्नलिखित हैं: (i) अपर्याप्त वित्तपोषण, (ii) विभिन्न संस्थानों के बीच समन्वय का अभाव, (iii) दक्ष श्रमशक्ति की कमी, और (iv) भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के कार्यों में स्पष्टता का अभाव। कमिटी के मुख्य निष्कर्षों और सुझावों में निम्नलिखित शामिल हैं:
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आईसीसीआर का पुनर्गठन: आईसीसीआर मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय है। इसका काम भारत के बाहरी सांस्कृतिक संबंधों से जुड़ी नीति और कार्यक्रमों का प्रतिपादन करना और उनका कार्यान्वयन है। मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण आईसीसीआर के पुनर्गठन के काम में विलंब हुआ। कमिटी ने कहा कि भारतीय संस्कृति को बेहतर तरीके से प्रस्तुत करने के लिए यह जरूरी है कि आईसीसीआर की संरचना और उसके कामकाज की पूरी तरह से रीमॉडलिंग की जाए। कमिटी ने सुझाव दिया कि मंत्रालय आईसीसीआर के पुनर्गठन को अंतिम रूप दे। उसने सुझाव दिया कि पुनर्गठन का ब्ल्यूप्रिंट तीन महीने के भीतर कमिटी को सौंपा जा सकता है।
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मंत्रालय ने कहा था कि आईसीसीआर का बजटीय आबंटन पर्याप्त नहीं था। कमिटी ने गौर किया कि दूतावासों और सांस्कृतिक केंद्रों की मौजूदा मांग को पूरा करने के लिए आईसीसीआर को 500 करोड़ रुपए की जरूरत होगी। कमिटी ने सुझाव दिया कि केंद्र सरकार को आईसीसीआर का बजटीय आबंटन 500 करोड़ रुपए कर देना चाहिए जिससे वह भारत की सॉफ्ट पावर और सांस्कृतिक कूटनीति को मजबूत तरीके से संचालित कर सके।
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समन्वय समिति: मंत्रालय के अनुसार, विभिन्न मंत्रालयों के कामकाज एक दूसरे से मिलते-जुलते हैं, जिससे भारत की सॉफ्ट पावर और सांस्कृतिक कूटनीति को आगे बढ़ाने में बाधाएं पैदा होती हैं। कमिटी ने पहले सुझाव दिया था कि विदेशी मामलों के मंत्रालय/आईसीसीआर तथा दूसरे मंत्रालयों (जैसे संस्कृति मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय) के बीच संस्थागत समन्वय तंत्र स्थापित किया जाए। कमिटी ने कहा कि इस तंत्र को स्थापित करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। कमिटी ने सुझाव दिया कि मंत्रालय की निगरानी में समन्वय समिति के गठन से भारत में सॉफ्ट पावर और सांस्कृतिक कूटनीति के लिए जिम्मेदार मंत्रालयों/विभागों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित होगा।
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सांस्कृतिक कूटनीति पर कार्य समूह: कमिटी ने कहा कि विदेशी मामलों का मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय, दोनों भारत की सांस्कृतिक कूटनीति को बढ़ावा देने में संलग्न हैं। जबकि संस्कृति मंत्रालय, संस्कृति का प्रसार करने की नीतियां बनाने और प्रॉजेक्ट्स विकसित करने का काम करता है, आईसीसीआर भारत में, तथा भारत के बाहर सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए जिम्मेदार बाहरी डोमेन की कार्यकारी शाखा है। कमिटी ने सुझाव दिया कि सांस्कृतिक कूटनीतिक गतिविधियों में समन्वय करने और उनकी योजना बनाने के लिए विदेशी मामलों के मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय के बीच एक कार्य समूह का गठन किया जाए। इसके अतिरिक्त कमिटी ने सुझाव दिया कि सांस्कृतिक संसाधनों की सूचना वाला एक संयुक्त डेटाबेस बना जाए।
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योग सर्टिफिकेशन बोर्ड का गठन: कमिटी ने योग की विश्वव्यापी लोकप्रियता पर गौर किया और उसके प्रभाव को सॉफ्ट पावर के औजार के तौर पर स्वीकार किया। उसने सुझाव दिया कि आयुष मंत्रालय और विदेशी मामलों के मंत्रालय को योग सर्टिफिकेशन बोर्ड बनाने के लिए आपसी सहयोग करना चाहिए। यह बोर्ड भारतीय योग पद्धति और थेरेपी को सर्टिफाई करेगा।
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भारतीय डायस्पोरा के साथ संवाद स्थापित करने की व्यवस्था: 31 मिलियन से अधिक लोगों के साथ भारत का डायस्पोरा बहुत बड़ा है। इसमें 13 मिलियन से अधिक अनिवासी भारतीय (एनआरआई) और 18 मिलियन भारतीय मूल के लोग (पीआईओ) शामिल हैं। कमिटी ने कहा कि भारतीय डायस्पोरा वह सॉफ्ट पावर टूल है जो अपने गृह और मेज़बान देशों के बीच संबंधों को बनाते और उन्हें मजबूत करते हैं। कमिटी ने सुझाव दिया कि विदेशों में भारतीय मिशंस/पोस्ट्स में भारतीय डायस्पोरा के साथ सक्रिय रूप से संवाद करने के लिए एक व्यवस्था तैयार की जाए। उसने यह सुझाव भी दिया कि मेज़बान देश के साथ बेहतर नियमित जुड़ाव के लिए उनकी प्रतिक्रिया और सुझाव मांगने हेतु कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।
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पर्यटन को बढ़ावा: कमिटी ने कहा कि पर्यटन किसी देश के सॉफ्ट पावर कैपिटल का मुख्य संकेतक होता है। उसने विदेशों में पर्यटन कार्यालयों को बढ़ाने और पर्यटन संवर्धन में देश विशिष्ट नजरिया अपनाने की जरूरत पर गौर किया। कमिटी ने सरकार से कहा कि वह देश विशिष्ट नजरिए के लिए विभिन्न श्रेणियों के पर्यटकों की प्रतिक्रियाएं ले और फिर उनके आधार पर प्रस्तावों का सुझाव दे।
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