Ministry: 
Social Justice and Welfare
  • सामाजिक न्याय एवं सशक्तीकरण मंत्री थावरचंद गहलौत ने 5 अप्रैल, 2017 को लोकसभा में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (रिपील) बिल, 2017 को पेश किया।
     
  • रिपील : यह बिल राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग एक्ट, 1993 को निरस्त (रिपील) करने का प्रयास करता है। यह एक्ट राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की स्थापना करता है। आयोग के पास पिछड़े वर्गों को संविधान की अनुसूची में शामिल करने और उन्हें हटाने से संबंधित आवेदनों की जांच करने तथा इस सिलसिले में केंद्र सरकार को सलाह देने का अधिकार है।
     
  • इस बिल को संविधान (123वां संशोधन) बिल, 2017 के साथ प्रस्तावित किया गया है जोकि संविधान के तहत राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन का प्रावधान करता है। इस बिल के उद्देश्य तथा कारणों के कथन में स्पष्ट किया गया है कि संविधान के तहत राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की स्थापना के बाद एक्ट निरर्थक हो जाएगा, इसलिए इसे रिपील यानी रद्द किया जा सकता है।
     
  • रिपील का प्रभाव : यह बिल कहता है कि एक्ट को रिपील करने से (i) एक्ट के तहत दिए जाने वाले अधिकारों, वरीयताओं या जिम्मेदारियों, (ii) एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर दिए गए दंड, या (iii) एक्ट के अंतर्गत किए गए किसी काम पर असर नहीं होगा।

 

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